Aankhen Khuli - Mohabbatein
एक लड़की थी दीवानी सी
एक लड़के पे वो मरती थी
नजरें झुका के शर्मा के
गलियों से गुजरती थी
चोरी-चोरी चुपके-चुपके
चिठ्ठियाँ लिखा करती थी
कुछ कहना था शायद उसको
जाने किससे डरती थी
जब भी मिलती थी मुझसे
मुझसे पूछा करती थी
प्यार कैसे होता है
ये प्यार कैसे होता है
और मैं सिर्फ यही कह पाता था
आँखें खुली हों या हो बंद
दीदार उनका होता है
कैसे कहूँ मैं ओ यारा
ये प्यार कैसे होता है
तू रु रु रु रु तू रु रु रु रु
तू रु रु रु रु तू रु रु रु रु
हे आँखें खुली हो या हो बंद
दीदार उनका होता है
आँखें खुली हो या हो बंद
दीदार उनका होता है
कैसे कहूँ मैं ओ यारा
ये प्यार कैसे होता है
तू रु रु रु रु तू रु रु रु रु
तू रु रु रु रु तू रु रु रु रु
आँखें खुली हो या हो बंद
दीदार उनका होता है
कैसे कहूँ मैं ओ यारा
ये प्यार कैसे होता है
तू रु रु रु रु तू रु रु रु रु
तू रु रु रु रु तू रु रु रु रु
आज ही यारों किसी पे
मरके देखेंगे हम
प्यार होता है ये कैसे
कर के देखेंगे हम
किसी की यादों में खोये हुए
ख़ाबों को हम ने सजा लिया
किसी की बाहों में सोए हुए
अपना उसे बना लिया
ऐ यार प्यार में कोई
तू रु रु रु रु तू रु रु रु रु
ऐ यार प्यार में कोई
ना जगता ना सोता है
कैसे कहूँ मैं ओ यारा
ये प्यार कैसे होता है
तू रु रु रु रु तू रु रु रु रु
तू रु रु रु रु तू रु रु रु रु
क्या है जादू है कोई
बस जो चल जाता है
तोड़ के पहरे हजारों
दिल निकल जाता है
दूर कहीं आसमानों पर
होते हैं ये सारे फैसले
कौन जाने कोई हमसफ़र
कब कैसे कहाँ मिले
जो नाम दिल पे हो लिखा
तू रु रु रु रु तू रु रु रु रु
जो नाम दिल पे हो लिखा
इकरार उसी से होता है
कैसे कहूँ मैं ओ यारा
ये प्यार कैसे होता है
तू रु रु रु रु तू रु रु रु रु
तू रु रु रु रु तू रु रु रु रु
आँखें खुली हो या हो बंद
दीदार उनका होता है
आँखें खुली हो या हो बंद
दीदार उनका होता है
कैसे कहूँ मैं ओ यारा
ये प्यार कैसे होता है
तू रु रु रु रु तू रु रु रु रु
तू रु रु रु रु तू रु रु रु रु
तू रु रु रु रु तू रु रु रु रु
तू रु रु रु रु तू रु रु रु रु
तू रु रु रु रु तू रु रु रु रु
तू रु रु रु रु तू रु रु रु रु